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Showing posts from February, 2016

पहरेदार ने देखी रहस्यमय प्राणी:- Real story Of Alien

पहरेदार ने देखी रहस्यमय प्राणी:-  3 दिसंबर , 1967 की सुबह को हरबर्ट स्किरमर नामक पुलिस अधिकारी नेब्रास्का (अमरीका ) के ऐशलैंड में अपनी नियमित गश्त पर निकला !  अपनी पुलिस गाड़ी में गश्त पर निकले इस अॉफिसर ने पास के एक खेत से एक अजीब प्रकार के यान को उड़ान भरते हुए देखा ! उसके विवरणानुसार वह कथित यान अंडाकार था और उसमें से निकल रही आवाज भी एक अजीब-सी चिल्लाहट के समान थी ! स्किरमर  जब वापस पुलिस स्टेशन पहुंचा , तो उसे पता चला कि उसे वापस आने में जितना उसने सोचा था , उससे कहीं ज्यादा देर हो गई थी !  इसके साथ-ही-साथ उसे कुछ अजीब-सी घुटन महसूस हो रही थी ! सम्मोहित अवस्था में स्किरमर ने वह सब कुछ बताया , जो खुद उसे याद नहीं था ! गश्त के दौरान एक बड़ा ही अजीब एवं रहस्यमय मनुष्य के समान प्राणी उसकी गाड़ी तक आया ! इस अजीब प्राणी की नाक आश्चर्यजनक रूप से लम्बी थी और उसका मुंह होठ विहिन था ! इस रहस्यमय प्राणी ने गाड़ी के अंदर हाथ डालकर स्किरमर को छुआ ! उसके छुने से स्किरमर को पीड़ा हुई थी !  स्किरमर तब आश्चर्यचकित हो उठा , जब उसने उस रहस्यमय प्राणी को अंग्रेजी बोलते

वो असंभव रोशनी चांद पर --एलियन का रहस्य :---story of alien

वो असंभव रोशनी चांद पर -एलियन का रहस्य - story of alien  खगोलशास्त्र उस विद्या को कहते है , जिसके अन्तर्गत खगोलविद् हमारे इस ब्रह्मांड में मौजूद लाखों ग्रहों और सितारों का अध्ययन मूल रूप से शक्तिशाली दूरबीनों की सहायता से किया जाता है ! दुनिया भर में खगोलविद् हर रात अपनी इन दूरबीनों की सहायता से ब्रह्मांड में मौजूद ग्रह और सितारों की गतिविधियों का अध्ययन करते रहते है ! उनके इन्ही अथक प्रयासों के फलस्वरूप ही हम अपने ब्रह्मांड के बारे में नित नई जानकारियां पाते है ! कई बार इनके प्रयासों से कुछ ऐसी जानकारियां मिलती हैं , जो अपने आप में बहुत ही रहस्यपूर्ण होती है ! ऐसी ही एक रहस्यपूर्ण घटना का पता सन् 1965 के जून माह में लगा !  एक खगोलविद् , जो रात्रि में जगमगाते हुए आकाश को पूरी तल्लीनता से अपनी दूरबीन से निहार रहा था , अचानक चौंक उठा ! उस समय खगोलविद् अपनी शक्तिशाली दूरबीन से चांद की सतह को निहार रहा था , उस समय चौंक उठा , जब उसने चांद की सतह से एक अति शक्तिशाली एवं चमकीली रोशनी की किरण को प्रस्फुटित होते हुए देखा ! वह रहस्यमय किरण एक

वाशिंगटन पर मंडराती उड़न-तश्तरियां-एलियन की कहानी

वाशिंगटन पर मंडराती उड़न-तश्तरियां-एलियन की कहानी- mystery of alien:- 20 जुलाई , 1953 को अमरीका की राजधानी वाशिंगटन डी.सी. के ऊपर अनेक  उड़न-तश्तरियों ने कलाबाजियां खाते हुए उड़ाने भरीं ! ये उड़ाने रात एक बजने से थोड़ी ही देर पहले उस समय शुरू हो गई , जब एयर ट्रैफिक कंट्रोल सेंटर स्थित राडार ने अपने स्क्रीन परसात उड़ती वस्तुओ का संकेत दिया ! रीडार द्वारा दिए गए सातो संकेत शीघ्र ही उस समय वास्तविकता मे बदल गए  , जब लोगो ने स्पष्ट तौर पर राडार आकाश में गहरे नारंगी रंग के चमकते हुए सात यान देखे !  वे सातो यान उस समय प्रतिबंधित वायु क्षेत्र में घुसने ही वाले थे ! उनमें से दो व्हाइट हाउस के ऊपर से उड़ते हुए गुजरे  और अन्य एक कैपिटल बिल्डिंग के ऊपर से गोता लगाता हुआ निकल पड़ा ! इन अज्ञात यानों का पता लगाने के लिए अधिकारियों ने उस समय उड़ रहे अनेक सिविल यानों को अपनी दिशा बदलकर इन यानों का पता लगाने संबंधी निर्देश जारी किए !  परंतु जैसे ही कोई हवाई जहाज इन यानों की जद तक पहुचता , वे आश्चर्यजनक गति पकड़कर उनकी पहुंच और दिशा से एकदम परे हो जाते ! उनकी इन गतिवि

दो मछलीमारो का अनुभव रहस्यमय प्राणी से--एलियन का रहस्यमय कहानी--story of alien in hindi

दो मछलीमारो का अनुभव :- शिपमाई मे काम करने वाले चार्ल्स हिकमेन और केलविन पार्कर दो कर्मचारी ग्यारह अक्तूबर , 1973 को मछली पकड़ने के उद्देश्य से मिसिसिपी (अमरीका स्थित पास्कागोला नामक नदी के किनारे) जा पहुंचे , परंतु मछली पकड़ना तो दूर , उलटे वे खुद ही पकड़े गए ! दोनों दोस्तो ने अभी मछली पकड़ने के उद्देश्य से पानी में अपने कांटे डाले ही थे कि उनकी नजर एक विशाल गुब्बारनुमा वस्तु पर जा पड़ी ! इस अजीबोगरीब वस्तु से आसमानी रंग का प्रकाश निकल रहा था ! हवा में उड़ता वह एक यान तो था ही , परंतु उस जैसी बनावट वाला अद्भुत यान उन दोनो ने पहले कभी नहीं देखा था ! उस यान ने उन दोनो के ऊपर कुछ चक्कर काटे , फिर उसने नीचे की तरफ गोता लगाया और करीब चालीस मीटर के दूर जाकर नीचे उतर आया ! उन दोनो के देखते-देखते उस यान का दरवाजा खुला और उसमे से तीन प्राणी बाहर निकले ! उनकी लम्बाई कोई 1.6 मीटर थी तथा ढेरो सलवटें लिए हुए उनकी चमड़ी का रंग भूरा था !  सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह थी कि उन तीनों प्राणियों के चेहरे स्पष्ट नहीं , अलबत्ता नाक के स्थान पर मात्र एक उभार एवं मुंह की जगह

क्या वह बादल था या फिर कुछ और--एलियन का रहस्य--mystery of alien in hindi

क्या वह बादल था या फिर कुछ और :- 9 फरवरी , 1962 की अलसुबह में बेडफोर्डशायर (इंगलैंड ) स्थित ट्रिंगफोर्ड के पास अपनी कार यात्रा के दौरान रोनाल्ड वाइल्डमेन नामक एक व्यक्ति के साथ एक बड़ा ही अजीब वाकया पेश आया ! उस समय सुबह के करीब साढे तीन बजे थे ! सुनसान सड़क के चारे ओर भयंकर अंधकार के सिवा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था ! वाइल्डमेन स्थानीय इलाके की एक अपेक्षाकृत पतली सड़क से होकर जा रहे थे कि अचानक उनकी नजर आगे एक रोशनी पर जा पड़ी ! नजदीक पहुंचने पर उन्होने देखा कि वह रोशनी , जो उन्होने दूर से देखी थी , वह एक विशाल सफेद अर्धवृताकार आकृति से आ रही थी ! उनके अनुसार वह विशाल आकृति अपने एक सिरे से लेकर दूसरे तक आकार मे करीब बारह मीटर थी और उसके चारो तरफ बिन्दुओ की शक्ल में खिड़कियाँ थी ! वाइल्डमेन की समझ मे नही आया कि वह वस्तु क्या थी , जो सड़क से मात्र कुछ ही ऊचाई पर हवा में मंडरा रही थी ! वाइल्डमेन जब उस अज्ञात वस्तु से मात्र 18 मीटर ही दूर थे कि अचानक उनकी कार ने एक झटका खाया और वह रूक गई ! वाइल्डमेन ने अपनी कार को पुनः चालू करने की हर संभव कोशिश करके देख

एक पुलिस वाले की आप-बीती --एलियन का रहस्य--story of alien in hindi

एक पुलिस वाले की आपबीती :- वेनेजुएला स्थित वेलेंसिया की एक सुनसान सड़क पर रात के अंतिम प्रहर मे ड्यूटी देते हुए एक पुलिस अधिकारी के साथ  कुछ एेसा बीता कि वह बेचारा अपने शेष जीवन तक भुला न पाया ! 4 सितम्बर , 1976 की बात है ! बेलेंसिया मे अपनी ड्यूटी के दौरान रात्रि के अंतिम प्रहर मे पुलिस अधिकारी ऐंट्रेड ने अपने ठीक सामने एक डेढ मीटर लंबी आकृति को खड़ा पाया ! किसी आंशंका के मद्देनजर ऐंट्रेंड ने अपनी बंदूक तान दी , तभी उसने एक आवाज सुनी , जो उसे बता रही थी कि उक्त छोटा आदमी उसे कोई भी नुकसान पहुंचाने की मनशा नहीं रखता ! सिर उठाने पर ऐंट्रेड ने पाया कि वह आवाज , उसके सिर के ऊपर मंडराते हुए तशतरीनुमा यान से आ रही थी ! इसके बाद उस प्राणी ने खुद ऐंट्रेड से बात की ! उसने ऐंट्रेड को अपने साथ धरती छोड़कर अन्य ग्रह देखने का न्योता दिया ! उसकी इन बातो को सुनकर ऐंट्रेड को मानो डर के मारे लकवा मार गया ! ऐंट्रेड ने जबाव दियी फिलहाल वह ड्यूटी पर होने की वजह से कहीं भी नहीं जा सकता है ! उस प्राणी ने पुनः जोर देकर अपनी पेशकश दोहराई ! फिर बिना कुछ और कहे , वह प्राणी ऐंट्रे