नाजका का रहस्य (Real Alien Story in hindi) :
एक चुनौती भरा निर्माण पेरू स्थित नाजका के समतल इलाके में देखने को मिलता है ! इस इलाके में हजारों वर्ष पहले मानव द्वारा निर्मित कुछ रहसयमय निशान हैं ! ये निशान एक लम्बी मगर समतल, समकोण एवं सटीक पत्थरों से निर्मित लाइनें हैं।
ये लाईने या पत्थरों की कतारें वहां रहने वाले स्थानीय इंडियंस
दवारा निर्मित की गयी थीं ! इनका निर्माण धरती के ऊपर की
पतली परत को खोदकर उसके निचे पड़े पत्थरो को जो रंग
में सतह से अलग हैं, उभार कर किया गया गया है !
इन लम्बी लम्बी पत्थरों की कतार को जमीन पर से देखने पर
सिवाय एक अभूझ मकरजाल के कुछ और नजर नहीं आती,
परन्तु ऊपर आकाश से देखने पर यही मकरजाल मनमोहक
एवं कलाकारी का एक शानदार नमूना नजर आता है ! पत्थरों
से निर्मित इन सैकड़ों फुट घुमावदार आकृतियों के अलावा पशु पक्षियों के भी आकार बनाए गए स्पस्ट दिखाई देता हैं ! सैकड़ों मीटर लम्बी इन आकृतियों को देखकर दिमाग आश्चर्य और विस्मय से सुन्न होने लगता है !
इन रहस्यमय नाजका रेखाओं के बारे में कोई भी निश्चित तौर
पर नहीं बता सका है की वस्तुतः उनके निर्माण के पीछे प्राचीन
नाजका वासियों की मनसा क्या थी ? कुछ का सोचना है की
उनका सम्बन्ध धार्मिकता से था, तो कुछ अन्य के अनुसार
उनका निर्माण आकाश से कुछ देखने के लिए हुआ था, परन्तु
क्यों ?
उस समय का मानव तो हवा में विचरण करने में सक्षम नहीं था, फिर यह निर्माण क्यों ? इसका जवाब मानने वालों के
अनुसार यह है की वे लोग (नाजका वासी ) सुदूर अन्य ग्रहों से
उड़ान तश्तरियों में सवार होकर आने वाले अज्ञात यात्रियों के
संपर्क में थे और उक्त रेखां आने वाले यात्रियों के लिए एवं उनके यान उतारने के लिए, एक तरह से पथ प्रदर्शक का काम करती थी !
परन्तु सच्चाई चाहे कुछ भी हो, सच तो यह है की नाजका की इन रहस्यमय रेखाओं का यहस्य आज भी मानव की लिए सिवा एक अबूझ पहेली के और कुछ भी नहीं !
अगर आपको ये कहानी पसंद आए हो तो शेयर जरूर करे।
एक चुनौती भरा निर्माण पेरू स्थित नाजका के समतल इलाके में देखने को मिलता है ! इस इलाके में हजारों वर्ष पहले मानव द्वारा निर्मित कुछ रहसयमय निशान हैं ! ये निशान एक लम्बी मगर समतल, समकोण एवं सटीक पत्थरों से निर्मित लाइनें हैं।
ये लाईने या पत्थरों की कतारें वहां रहने वाले स्थानीय इंडियंस
दवारा निर्मित की गयी थीं ! इनका निर्माण धरती के ऊपर की
पतली परत को खोदकर उसके निचे पड़े पत्थरो को जो रंग
में सतह से अलग हैं, उभार कर किया गया गया है !
इन लम्बी लम्बी पत्थरों की कतार को जमीन पर से देखने पर
सिवाय एक अभूझ मकरजाल के कुछ और नजर नहीं आती,
परन्तु ऊपर आकाश से देखने पर यही मकरजाल मनमोहक
एवं कलाकारी का एक शानदार नमूना नजर आता है ! पत्थरों
से निर्मित इन सैकड़ों फुट घुमावदार आकृतियों के अलावा पशु पक्षियों के भी आकार बनाए गए स्पस्ट दिखाई देता हैं ! सैकड़ों मीटर लम्बी इन आकृतियों को देखकर दिमाग आश्चर्य और विस्मय से सुन्न होने लगता है !
इन रहस्यमय नाजका रेखाओं के बारे में कोई भी निश्चित तौर
पर नहीं बता सका है की वस्तुतः उनके निर्माण के पीछे प्राचीन
नाजका वासियों की मनसा क्या थी ? कुछ का सोचना है की
उनका सम्बन्ध धार्मिकता से था, तो कुछ अन्य के अनुसार
उनका निर्माण आकाश से कुछ देखने के लिए हुआ था, परन्तु
क्यों ?
उस समय का मानव तो हवा में विचरण करने में सक्षम नहीं था, फिर यह निर्माण क्यों ? इसका जवाब मानने वालों के
अनुसार यह है की वे लोग (नाजका वासी ) सुदूर अन्य ग्रहों से
उड़ान तश्तरियों में सवार होकर आने वाले अज्ञात यात्रियों के
संपर्क में थे और उक्त रेखां आने वाले यात्रियों के लिए एवं उनके यान उतारने के लिए, एक तरह से पथ प्रदर्शक का काम करती थी !
परन्तु सच्चाई चाहे कुछ भी हो, सच तो यह है की नाजका की इन रहस्यमय रेखाओं का यहस्य आज भी मानव की लिए सिवा एक अबूझ पहेली के और कुछ भी नहीं !
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