Skip to main content

बरमूडा का रहस्य - Bermuda Triangle Mystery in hindi

बरमूडा का रहस्य - Mystery of Bermuda Triangle in hindi : 4 मार्च ,1918 को अमेरिकी जल सेना का रसद पोत (ship) साइक्लोरस 309 कर्मचारियों सहित डूब गया ! यह सब इतनी शीघ्रता से हुआ कि पोत के चालक दल को आपात संदेश भेजने का भी समय नहीं मिला !

इस घटना के बाद ऐसी दर्जनों दुर्घटनाओं से बरमूडा त्रिकोण का रहस्य और भी गहराता गया ! 1945 में खोजी अवेंजर बम्बर के 5 वायुयानों का दस्ता भी दिग्भ्रमित होकर इस त्रिकोण का शिकार बना ! 

बरमूडा का रहस्य - Bermuda Triangle Mystery in hindi

आखिर में 1978 में घटी इस घटना ने फ्लोरिडा, प्यूर्टोरिको और बरमूडा के बीच फैले इस त्रिकोण की चौकसी रखने वाले विशेषज्ञों के दल को अचंभित कर दिया !

एस्टर, फ्लोरिडी के पास स्थित पाइनकेसल इलेक्ट्रोनिक वारफेयर क्षेत्र के राडार दल के सदस्य उस वक्त सकते में आ गए, जब राडार के पर्दे पर घूमती हुई एक अंट-शंट एक आकृति प्रकट हुई ! उस समय किसी भी मिलिटरी अथवा अन्य वायुयान के आने का कार्यक्रम नहीं था !

राडार के पर्दे पर यह आकृति बड़े ही अंट-शंट तरीके से घूम रही थी, कभी दाएं, कभी बाएं, कभी स्थिर तो कभी एक सेकेंड में 800 कि.मी. की रफ्तार पकड़ रही थी ! 

जब अधिकारियों ने अपनी दूरबिनों से आकाश का निरीक्षण करना शुरू किया, तो उन्होंने एक गोलाकार यान से अजीब तरह का लाल, हरा और सफेद रंग का प्रकाश निकलते देखा !

इसकी गतिविधियां इस कदर तेजी से घटित हो रही थी, कि यह साधारण वायुयान या हेलीकॉप्टर हो ही नहीं सकता था ! एक तकनीशियन ने कहा - "मैंने न तो आज तक ऐसी कोई चीज देखी है और न ही दुबारा देखना पसंद करूंगा !"

27 दिस्मबर 1979 को बरमूडा द्वीप के दो बच्चों ने शाम को साढ़े पाँच बजे दावा किया कि एक उड़न-तश्तरी से आने वाली अजीब तरह की ध्वनि ने उन्हें गतिहीन कर दिया था ! 

तेरह वर्षीय लकीता डायर और ग्यारह वर्षीय उसका भाई मेल्विन अपने मकान में अलग-अलग कमरों में सो रहे थे, तभी अचानक उन्हें छत से तेज रगड़ती व भिनभिनाती हुई आवाज सुनाई दी !

मेल्विन ने उठने की कोशिश की, मगर वह हिल नहीं सका , उसे लगा कि जैसे लकवा मार गया हो ! उसकी बहन ने भी खिड़की तरफ बढ़ने की कोशिश की, परंतु वह भी हिल नहीं पाई ! पूरे दस मिनट के बाद जब यह आवाज थोड़ी धीमी और मधुर हुई , तभी ये दोनो बच्चे अपने हाथ पांव हिला सके !

इन बच्चों के साथ घटी इस घटना को कुछ घंटों बाद और काफी लोगों ने बरमूडा के दक्षिणी आकाश में उड़न-तश्तरी को देखा था ! अमेरिकी ऊर्जा विभाग के सलाहकार जेफ्री शुज अपनी माँ और बहन के साथ मकान की छत पर बैठे बतिया रहे थे कि रात के पौने दस बजे उन्हें पश्चिम से पूर्व की ओर जाता हुआ एक प्रकाश पुंज दिखाई दिया !

जेफ्री की 23 वर्षीय बहन बेट्सी के अनुसार , पीले और सफेद रंग की गेंद, जो उपग्रह की भांति तो तेज, लेकिन गिरते तारे की गति से धीमी जा रही थी ! 

यह आकाश में ऊपर की तरफ चढ़ रही थी और अपने पीछे सफेद धुएं की लकीर छोड़े जा रही थी ! करीब 20  सेकेंड तक दिखने के बाद यह हरे रंग के प्रकाश के छटके के साथ ओझल हो गई !

उसी रात शिक्षक निजेल कारमोड और उनकी पत्नी जूली ने भी अपने बरामदे से इस उड़न-तश्तरी को देखा ! वह तश्तरी कभी तो स्थिर हो जाती, तो कभी उसके तुरंत बाद गति पकड़ लेती ! 

थोड़ी देर बाद वह गायब हो गई ! स्थानीय बरमूडा त्रिकोण पर आधारित टोही संस्थान के दल इस संबंध में कुछ भी जबाव नहीं दे पाए !

उम्मीद करता हूँ बरमूडा का रहस्य - Bermuda Triangle Mystery in hindi कहानी आपको पसंद आया होगा। 

Alien से संबंधित इसी तरह के real और mysterious story का नोटिफिकेशन पाने के लिए इस ब्लॉग को सब्सक्राइब करें और Alien Ki Duniya फेसबुक पेज को लाइक करें।

Comments

Post a Comment

Popular

साइबेरिया का रहस्य - mysterious story of alien in hindi :---

साइबेरिया का रहस्य : Mystery of Siberia -  समय-समय पर हमारी पृथ्वी पर ऐसे घटनाए होती होती है, जो समस्त लोगो को झझोड कर रख देती है ! इनमे से कुछ प्राकृतिक तो कुछ अप्राकृतिक, अर्थात स्वयं मानव के कारण घटित होती है ! परन्तु कुछ घटनाएं ऐसे भी होती है, जिनके बारे में कभी पता नहीं चलता की उनके पीछे क्या रहस्य रहा था ! समूचे विश्व का ध्यान अपनी और खीचने वाली ऐसे ही एक घटना 30 जून 1908 को रूस के साइबेरिया इलाके में घटित हुए थी ! घटना वाले दिन एक विशाल अग्नि-पिंड आकाश को चीरता हुआ धरती की तरफ बढ़ने लगा ! फिर वह विशाल अग्नि -पिंड एक जोरदार धमाके के साथ धरती से टकराया ! टक्कर इतनी जोरदार थे की समूचे साइबेरिया का इलाका काँप उठा ! कंपन की तीव्रता से सारा इलाका थर्रा गया ! धमाका कितना जोरदार था, इसकी भयावहता का अनुमान इसी बाद से लगाया जा सकता है कि धमाके के बाद धुल और अग्नि का एक विशाल बादल आकाश में बन गया ! हरे पेड़ जो धमाके के स्थान से 30 किलोमीटर के घेरे में थे, धुल धूसरित होकर नष्ट हो गयी ! जोरदार धमाके के असर से 60 किलोमीटर दूर रहने वाले लोग भी उसकी आवाज और कम्पन से बेहोश होकर गिर पड़े !

दर्द भरी शायरी -Dard bhari Shayari - Love Shayari

दर्द भरी शायरी - Dard bhari shayari दिल में है जो दर्द वो दर्द किसे बताएँ ! हंसते हुए ये जख्म किसे बताएँ ! कहती है ये दुनिया हमें खुश नसीब ! मगर इस नसीब की दास्ताँ किसे बताएँ ! हर वक्त तेरे आने की आस रहती है ! हर पल तुझसे मिलने की प्यास रहती है ! सब कुछ है यहाँ बस तू नहीं ! इसलिए शायद ये जिन्दगी उदास रहती है ! पास आकर सभी दूर चले जाते ! अकेले थे हम, अकेले ही रह जाते है ! इस दिल का दर्द दिखाएँ किसे ! मलहम लगाने वाले ही जख्म दे जाते है ! जो मेरा था वो मेरा हो नहीं पाया ! आँखों में आँसू भरे थे पर मैं रो नहीं पाया ! एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि हम मिलेंगे ख्वाबों में ; पर मेरी बदकिस्मती तो देखिये ; उस रात तो मैं खुशी के मारे सो भी नहीं पाया ! मुझको ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं ; फिर भी खुश हूँ मुझे उससे कोई गिला नहीं ; और कितने आंसू बहाऊँ उसके लिए ; जिसको खुदा ने मेरे नसीब में लिखा ही नहीं ! टूटा हो दिल तो दुःख होता है ; करके मोहब्बत किसी से ये दिल रोता है ; दर्द का एहसास तो तब होता है ; जब किसी से मोहब्बत हो और उसके दिल में कोई और हो ! ऐ दिल मत कर इतन

चाँद का रहस्य : Mystery of Moon

चाँद का रहस्य : Mystery of Moon - प्रकृति में ऐसे अनेक अजीब स्थान और अजीबोगरीब चीजे बिखरी पडी है, जो मनुष्य के लिए पहेलियों के सिवा कुछ भी नहीं ! ऐसे पहेलियाँ, जिन्हे सुलझाने के प्रयास में मानव मस्तिष्क खुद ही उलझता जाता है, ऐसे ही एक जटिल और सर खपाने वाली पहेली सं 1996 में सामने आई। 1996 के फरवरी माह में चाँद पर उतरे रूसी यान, लूना-9 ने चन्द्र धरातल के कुछ ऐसे चित्र धरती पर भेजे थे, जिन्हे देखकर वैज्ञानिक आश्चर्य एवं विस्मय से भर गए ! वे उन चित्रो को देखकर उनके बारे में कोई संतोषजनक उत्तर न दे सके। भेजे गए चित्र एक ऐसे क्षेत्र के थे, जहाँ पत्थरों की एक सीध में जाती हुई कई लम्बी लम्बी कतारे थी ! ये चित्र चाँद के जिस हिस्से के थे, उसे कथित रूप से " ओशन ऑफ़ स्टोमर्स " कहा जाता है ! पत्थरो से निर्मित वे रहस्यमय कतारे बहुत ही सफाई से एक सीध में बनी हुई थे और आश्चर्यजनक रूप से हर पत्थर एक ही अकार एवं प्रकार का था ! सिर्फ इतना ही नहीं , कतारो में लगे पत्थरो की दूरी भी विलक्षण रूप से समान थी ! ऐसा लगता था मानो किसी ने चन्द्र धरातल पर उतरने के लिए "एयरपोर्ट " के सामान

एक अद्भुत वाकिया - एलियन की रहस्यमय कहानी

एक अद्भुत वाकिया - एलियन की रहस्यमय कहानी : ऑस्ट्रेलियाई शहर बेन्डिगो के नजदीक एक लंबी एवं सीधी सड़क से होकर रॉनाल्ड सुल्लीवेन 4 अप्रैल, 1966 को अपनी कार से गुजर रहा था। घटना वाली रात कुछ भी असामान्य नहीं था। उसकी गाड़ी का हर पुर्जा सही और ठीक तरह से काम कर रहा था। फिर अचानक एक स्थान पर आकर सुल्लीवेन के साथ एक अजीब ही वाकिया पेश आया। उसकी गाड़ी की हेडलाइट्स की रोशनी अचानक ही मुड़ गयी। ऐसा नहीं था की हेडलाइट्स ढीली या उनमे लगे लट्टू ढीले हों।  सुल्लीवेन यह देखककर हैरत में पड़ गया की हेडलाइट्स के प्रकाश की किरणें, प्रकाश की किरण के सिद्धांत के एकदम विपरीत, आश्चर्यजनक रूप से मुड़ गई थीं। इस अद्भुत एवं रोमांचक किस्से ने सुल्लीवेन को सक्कते में डाल दिया। सुल्लीवेन ने घबरा कर अपनी गाड़ी वही रोक ली। गाड़ी रोकने के साथ ही सुल्लीवेन की नजर सड़क के किनारे एक खेत पर जा पडी।  उसने वहां एक अजीब चमकती हुई चीज को देखा। सुल्लीवेन अभी इस दृश्य को हैरत से देख ही रहा था की सहसा वह चीज धीरे-धीरे हवा में ऊपर की ओर उड़ती हुई उसकी नजरों से ओझल हो गयी। अगले ही पल एक आश्चर्य हुआ, उस रहस्यमय चीज के जाते ही सार

इश्क शायरी-दर्द भरी शायरी - Love Shayari

इश्क शायरी-दर्द भरी शायरी - Love Shayari वो वक्त वो लम्हे कुछ अजीब होंगे ! दुनिया में हम खुश नसीब होंगे ! दूर से जब इतना याद करते हैं आपको ! क्या होगा जब आप हमारे करीब होगे ! कोई कहता है प्यार नशा बन जाता है ! कोई कहता है प्यार सजा बन जाता है ! पर प्यार करो सच्चे दिल से , तो वो प्यार ही जीने की वजह बन जाता है ! कभी किसी से प्यार मत करना ! हो जाये प्यार तो इंकार मत करना; चल सको तो चलना उस राह पर वरना किसी की जिन्दगी बर्बाद मत करना ! जब कोई ख्याल दिल से टकराता है ! दिल न चाह कर भी खामेश रह जाता है ! कोई सब कुछ कहकर , प्यार जताता है कोई कुछ न कहकर भी , सब बोल जाता है ! छुपा लू तुझको अपनी बाँहों में इस तरह , कि हवा भी गुजरने की इजाज़त माँगे ; मदहोश हो जाऊँ तेरे प्यार में इस तरह कि होश भी आने की इजाज़त मांगे ! सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं ; दूर वो मुझसे है पर मैं खफा नहीं ; मालूम है अब भी वो प्यार करते हैं मुझसे ; वो थोड़ा सा जिद्दी है , मगर वेवफा नहीं ! दिल की किताब में गुलाब उनका था ; रात की नींदों में ख्वाब उनका था ; कितने प्यार करते हो जब हम

पकड़ी गई उड़न-तश्तरी का रहस्य - एलियन की लाश - Story of Alien

पकड़ी गई उड़न-तश्तरी का रहस्य - एलियन की लाश - Alien dead body - Story of Alien : 2 जुलाई , 1947 की अंधेरी रात में रोजवैल (न्यू मैक्सिको, अमरीका) के आकाश में एक अद्भुत चमकीला यान (उड़न- तश्तरी) दिखाई दिया !  इसके ठीक बाद एक जोरदार धमाका सुनाई दिया और वह पश्चिम दिशा की तरफ उड़ता दिखाई दिया ! अगली सुबह एक मवेशी पालक को उस यान के उड़न पथ के नीचे मलबे के रूप में कुछ अवशेष मिले !  बिखरे हुए इस मलबे के ढेर में मुख्य रूप से धातु के पतले मगर कठोर टुकड़े बिखरे पड़े थे ! मलबे में पड़े वे टुकड़े अपने आप में बड़े ही अजीब थे ! मवेशी पालक उन्हे सुगमता से मोड़ रहा था, परंतु उन्हें तोड़ना आसान नहीं था !  इस मलबे के ढेर से पश्चिम की तरफ कई मील दूर इससे भी ज्यादा कुछ अद्भुत चीज पाई गई ! कथित इलाके में काम कर रहे एर सिविल इंजीनियर ने एक बड़ी ही आश्चर्यजनक और रोचक वस्तु देखी !  यह धातु की बनी हुई गोलाकार वस्तु थी और इसकी चौड़ाई करीब 10 मीटर थी ! जमीन पर गिरी इस डिस्क के चारों तरफ कई लाशें पड़ी थीं ! लाशें देखने में इंसानों के समान थीं, परंतु उनके सिर आश्चर्यजनक रूप से बड़े थे और पूर्णतः बाल विहीन थे ! अभ

दो औरतो के साथ अज्ञात प्राणी का अजीब मुलाक़ात - alien story

दो औरतो के साथ अज्ञात प्राणी का अजीब मुलाक़ात - alien story in hindi : यह घटना नॉर्वेजिया स्थित मोस्जोएन की गर्मियों के सुहावने दिन की है ! स्थानीय इलाके की दो औरतें घटना वाले दिन अपने घर के पास एक स्थान पर बैरीज (एक प्रकार का जंगली फल) इकट्ठा करने के उद्देश्य से निकली थीं !  दोनों औरतें आपस में बात करती हुई अपने काम को अंजाम दे रही थी की तभी एक आदमी उन दोनों औरतों के पास आया और उसने उन्हें इशारे से अपने पीछे-पीछे आने को कहा ! दोनों औरतों को थोड़ी हैरानी तो अवश्य हुई, पर फिर कुछ सोचती हुई वे उस आदमी के पीछे-पीछे चल पड़ीं ! आदमी चलता हुआ एक स्थान पर जाकर रूक गया ! वहाँ दोनों औरतों ने एक अजीब-सी चीज देखी !  सामने ही एक अजीब डिस्कनुमा चीज जमीन पर पडी थी ! चीज के नीचे की जमीन कुछ धंसी हुई थी और वह व्यास में कोइ पांच मीटर के करीब थी !  अभी वे औरते उस अजीब-सी चीज को विस्मय से देख ही रहीं थी की सहसा उस आदमी ने उनसे बातें करनी शुरू कर दी, परन्तु  औरतों के पल्ले कुछ भी न पड़ा ! वे दोनो उसकी भाषा में प्रयुक्त किसी भी शब्द या ध्वनि को कोई भी हिस्सा समझ न पाई ! उन दोनों औरतों ने